Wednesday 30 July 2014

आज के जमाने में भी अग्निपरीक्षा : महिला को गर्म सलाखें हाथ में रखने को कहा गया Bhasha, Last Updated: जुलाई 24, 2014

'Agnipariksha To Prove Chastity': Woman Asked To Hold Hot Iron Rodsइंदौर: ससुरालियों से दहेज प्रताड़ना के साथ ‘अग्निपरीक्षा’ की धमकी मिलने का आरोप लगाने वाली 25 वर्षीय विवाहिता की गुहार पर यहां एक अदालत ने इस महिला के पति और सास समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया।

प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट रेखा चंद्रवंशी ने पूनम (25) की याचिका मंजूर करते हुए यह आदेश दिया।

पूनम के वकील संतोष खोवारे ने अदालत के आदेश के हवाले से बताया कि उनकी मुवक्किल के पति कुणाल ओटकर, सास तारा, मौसिया सास लीला और मौसिया सास के बेटे संदीप के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 498.ए (किसी स्त्री के पति या पति के नातेदार द्वारा स्त्री के प्रति क्रूरता) के तहत मुकदमा चलेगा।

पूनम ने बताया कि उसकी शादी कुणाल ओटकर के साथ 13 दिसंबर 2007 को हुई थी। शादी के कुछ समय बाद उसके पति ने उससे कथित तौर पर दहेज के रूप में दो लाख रुपये की मांग की और उसे शारीरिक एवं मानसिक तौर पर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पूनम ने आरोप लगाया कि उसकी मौसिया सास लीला और उनके बेटे संदीप ने उसके चरित्र पर शंका जतायी। इन दोनों ने कथित तौर पर धमकी दी कि उसे चारित्रिक तौर पर ‘निष्कलंक’ होने का प्रमाण के देने के लिए सामुदायिक पंचायत के सामने हाजिर होकर ‘अग्निपरीक्षा’ देनी होगी।
 
पूनम के मुताबिक, उसके ससुराल पक्ष के लोगों ने उसके खिलाफ फरवरी में सामुदायिक पंचायत भी बुला ली। लेकिन वह और उसके माता-पिता सामुदायिक पंचायत के सामने हाजिर नहीं हुए। नतीजतन इस पंचायत ने उसका और उसके मायके वालों का हुक्का-पानी बंद करने का कथित फरमान सुना दिया।

विवाहिता ने कहा, हम फरवरी से समुदाय से बहिष्कृत हैं। पूनम ने कहा, मेरी मौसिया सास ने मेरे सामने शर्त रखी कि मेरी ‘अग्निपरीक्षा’ कराके संतुष्ट होने के बाद ही मुझे एवं मेरे मायके वालों को फिर से समुदाय में शामिल किया जाएगा और मुझे मेरे पति के साथ रहने दिया जाएगा, लेकिन मैंने भी तय कर लिया है कि मैं किसी भी कीमत पर ‘अग्निपरीक्षा’ नहीं दूंगी।

उधर, समुदाय की मध्यप्रदेश इकाई के प्रमुख शशि खताबिया ने सामुदायिक पंचायत पर पूनम के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, इस मामले से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, कंजर समुदाय में ‘अग्निपरीक्षा’ की प्रथा बरसों पहले ही बंद हो चुकी है। प्राचीन समय में समुदाय की अग्निपरीक्षा को ‘खंते का ईमान’ के नाम से जाना जाता था। अग्निपरीक्षा से गुजरने वाली महिलाओं के हाथ में तेल लगे पत्ते रखे जाते थे। इन पत्तों के ऊपर गर्म सलाखें रखी जाती थीं। अगर तय समय में महिला की हथेली जल जाती थी
http://khabar.ndtv.com/news/india/agnipariksha-to-prove-chastity-woman-asked-to-hold-hot-iron-rods-593007?update=1406694693

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