- 26 सितंबर 2014
नए शोध से पता चला है कि महिलाओं के स्कर्ट साइज़ का बढ़ना कैंसर के ख़तरे की निशानी हो सकता है.
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं का कहना है कि 25-26 साल की उम्र के बाद जिन महिलाएं का स्कर्ट साइज़ हर दशक के दौरान बढ़ता है उनमें स्तन कैंसर का ख़तरा अधिक होता है.
शोधकर्ताओं का कहना था, "बीस-तीस की उम्र के बाद से अपने स्कर्ट साइज़ का ध्यान रखकर बढ़ते वज़न पर नज़र रखी जा सकती है."
मोटापे के कारण कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है.
महिला कैंसर विभाग से जुड़ीं शोधकर्ता डॉक्टर उषा मेनन ने बीबीसी से कहा, "यदि स्कर्ट साइज़ को अन्य शोधकर्ता भी ब्रेस्ट कैंसर के ख़तरे का संकेतक साबित कर देते हैं तो यह बढ़ते वज़न पर नज़र रखने का बेहद सरल तरीक़ा होगा."
90 हज़ार महिलाओं पर अध्ययन
इस शोध में 50-70 साल के बीच की इंग्लैंड में रह रहीं 90 हज़ार महिलाओं पर अध्ययन किया गया.
तीन साल के अंतराल के भीतर इनमें से 1090 महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित हुईं.
शोधकर्ताओं ने पाया कि हर दशक के भीतर स्कर्ट साइज़ में एक यूनिट की बढ़ोत्तरी वाली महिलाओं में स्तन कैंसर का ख़तरा 33 फ़ीसदी तक ज़्यादा था.
रिपोर्ट के मुताबिक़ दो यूनिट साइज़ बढ़ोत्तरी वाली महिलाओं में यह ख़तरा 77 फ़ीसदी तक ज़्यादा था.
इस शोध पर टिप्पणी करते हुए ब्रेकथ्रू ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी साइम विंसेट ने कहा, "हम जानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े 40 प्रतिशत मामलों को फिट रहकर और वज़न नियंत्रित रखकर टाला जा सकता है."
उन्होंने कहा, "ये शोध बढ़ते वज़न पर नज़र रखने के एक सरल तरीक़े को रेखांकित करता है. महिलाएं अपने बॉडी मॉस इंडेक्स के बजाए स्कर्ट साइज़ को ज़्यादा आसानी से याद रख सकती हैं."
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http://www.bbc.co.uk/hindi/science/2014/09/140925_skirt_size_cancer_risk_dil.shtml?ocid=socialflow_facebook
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